भारत में बेरोजगारी


Sohrab mirza


सन 1947 भारत को आजादी मिली.और भारत को आजादी के साथ साथ अन्रेजो ने गरीबी और बेरोजगारी हमारे लिये छोड़ गया!हलाकि अन्रेजो जीतोड़ भारतीय संसाधनों का दुरूपयोग किया परन्तु भारत में संसाधन की प्राचुर मात्रा होने के कारण.भारत ने अपनी परिस्थिति को बहुत जल्द सुधार लिया!
सभी सरकार ने  आजादी के बाद जीतोड़ मेहनत की पंचवर्षीय योजना लाया गया गरीवी हटाओ का नारा दिया गया.अच्छे दिन आएंगे.पर क्या इन सब से गरीबी कम हुई!
वोट बैंक की राजनीती में बेरोजगारी एक अहम मुद्दा होता है!सभी राजनितिक पार्टियो के वायदों में रोजगार का जिक्र जरूर होता है!परन्तु आजादी से लेकर आजतक क्या सच में इस समस्या से ईमानदारी  से निपटा गया!मै भारत के युवाओ से पूछना चाहता हूँ क्या चाहिए आपको विकास चाहिए रोजगार चाहिए या आप इसी परिस्थिति में खुश है!
टीवी न्यूज़ नेचल पर मुद्दा तो बहुत होता है पर कोई रोजगार जैसे टॉपिक पर बात क्यू नहीं करता!हाल ही दिनों में सर्कार के द्वारा नोट बंदी और जी स  टी लागु किया गया! सरकार ने दलील दिया कि भारत की अर्थवयवस्था में सुधार होगा परन्तु वास्तविकता कुछ और ही हैं!बताया गया की नोट बांदी के कारण करोड़ो लोगो की प्राइवेट सेक्टर से नोकरिया चली गई!और बहुत से छोटे मझोले कम्पनिया बंद हो गई और उनकी तो कोई गिनती ही नहीं है जो लोग छोटी मोती फ़ैक्टरिया या सिलाई बगैरा की कारखाने चलाते थे!इसके तुरंत बाद ही सरकार ने जी स टी लागु किया जिसका मुख्य उद्देष्य टैक्स चोरी पर लगाम लगाना है!परन्तु इसका भी विपरीत असर काम  धंधो पर ही पड़ा!जिससे छोटे मोठे कारोबारी के लिए काम करने में मुश्किलें पैदा हुई और लाखो की संख्या में प्यापर बर्बाद हुए!जिसके चलते बहुत से लोगो को अपने नोकरियो से भी हाथ धोना पड़ा!
अब बारी है दिल्ली को उजाड़ने की!दिल्ली में  आजकल सीलिंग का मुद्दा जोड़ो पर चल रहा है!
मसला है की रिहायसी इलाको में कल कारखाने चल रहे है जहा सरकार अनुमति नहीं देती!परन्तु यह  कल कारखाने आजसे नहीं वर्षो से चल रहे है!इसे उजड़ना कहा तक मुनासिब होगा!आज बहुत से लोगो की आजीविका इसी कारो बार पर निर्भर है!और अपने कारो बार उजड़ने का दर्द तो वही बता सकता है जिसका उजड़ा हो!
अतः सीलिंग एक गंभीर समस्या है जो अगर नहीं रोका गया तो आने वाले वक्त में लाखो बेरोजगारी को जन्म देगा ये!क्यूकि इतना आसान नहीं होता बिना सरकार के किसी सहायता के लोग अपने कल कारखाने कही और शिफ्ट कर सके!ऐसे में छोटे व्यापारी ही मारे जाएँगे और उनके साथ काम कर रहे मजदुर बर्ग!                                                                                                                                               
हम चीन में नहीं है के हमे सरकार की तरफ से रोजगार की पूरी गारंटी मिले परतु अगर लगी बंधी रोजगार किसी की छीन ली जाये तो उसके लिए बहुत दुखद की बात है!मेरा इशारा मौजूदा हालत पर है!सरकारी विभाग की बात करे तो जॉब न के बरार है! हर साल युवाये लाखो की संख्या में १२वी और ग्रेजुएशन पास करते है!परन्तु उस मात्रा में जॉब न होने के कारण युवाये पढ़ लिख कर खुद को अयोग्य समझते है!
यह बात सत्य है की सरकार के पास इतनी नोकरिया नहीं है की सभी को सरकारी नौकरी दी जा सके मगर प्राइवेट सेक्टर से जो नोकरिया आती उसकी संख्या भी बहुत कम और दयनीय है!सबसे पहली बात तो ये प्राइवेट सेक्टर में सैलरी बहुत कम दिया जाता है! और उस पर भी भारत जैसे देश में कोई भी बड़ी कम्पनिया अपने पैरोल पर ज्यादा कर्मचारी नहीं रखती!सभी कम्पनिया आज कल थर्ड पार्टी के द्वरा  कर्मचारी रखते है!जिसके चलते तन्खा से ले कर सारी चीजों में हक़ मारा जाता है कर्मचारी का!इस विषय में सरकार का कोई ध्यान नहीं है! बड़ी बड़ी कम्पनिया इस तरह की एजेंसिया चला रहे है.और इस तरह के रोजगार में नौकरी भी कभी सुरक्षित नहीं रहती!कभी भी बिना नोटिस के कर्मचरी को निकाल दिया जाता है!और तन्खा तक मार ली जाती है!अतः सरकार को इस विषय पर खास ध्यान देना चाहिये क्यू कि देश का विकास तभी होगा जब हर काम करने योग्य युवा को बेहतर रोजगार मिलेगा!क्यू कि युवा एक महत्वपूर्ण संसाधन होता है किसी भी देश के लिए! और युवाओ को भी जागने की जरूरत है!प्राइवेट सेक्टर की स्थिति भारत में सबसे दयनीय है!इसमें सुधर करने की जरूरत है!
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