Urdu Poetry With Sohrab Alam

 Urdu Poetry With Sohrab Alam سہراب عالم کے ساتھ اردو شاعری

Dua unki bhi suni jaye...

Very heart touching shayari Present by Dreamers Call 

#UrduPoetry #SohrabAlam #Dua

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तुझे पाने की तमन्ना कौन नहीं करता होगा मुझे तो शक है ये चाँद भी तुझपे मरता होगा.
जग जाते होंगे अरमा बदलो के दिल में भी जब वो तेरे कूचे से हो कर गुजरता होगा.
जुगनू भी आते होंगे तुझे एक नजर देखने जब तू रात को घर से निकलता होगा.


टिमटिमाती तारो भरी रात हो चांदनी भी हमारे साथ हो.
किसी पहाड़ से खूबसूरत झरना गिर रहा हो हवाओ में भी कुछ खास हो.
कुछ ऐसा ही नजारा बन जाये जब हमारी पहली मुलाकात हो.
रंग जाये एक दूसरे के सपनो में हम सावन की धीमी धीमी बरसात हो.
तन्हाई का कोई नामो निशा ना हो जब हम तेरे दिल के करीब और निगाहो के पास हो.


के दर ब दर रास्तो में भटकते हुए कभी कुछ पाया ना होता,धूप में जलकर खाक हो जाते अगर मेरे जिस्म पर तेरी जुल्फों का छाया ना होता.
इतनी ख़ुशी कभी ना होती हासिल मुझे,अगर खुदा ने मेरे लिए तुझे बनाया ना होता.


तेरे आने से लेकर जाने तक की दस्ता लिखूंगा मैं.
इन होठो को हसांने से लेकर इन आँखो को रुलाने तक की रेनुमा लिखूंगा मैं.
तुझे भी आरजू होगी बार बार पढ़ने की,
कुछ शायरी इस तरह लिखूंगा मैं.


एक लम्हा तो कोई आये जो तेरी आखों में आसूं मेरे लिए लाये.
ज़िन्दगी उसकी भी वीरान हो जो मोहब्बत में किसी को छोड़ कर जाये.
हमने जिनकी यादो में उम्र गुजारी दुआ उनकी भी सुनी जाये.
इस दुनिया से विदाई तब करना खुदा जब वो हमे पाने की ख्वाहिश में आ जाये.


ये धूप ये बारिश ये छाव सब मेरा है,इसमें किसी का हिस्सा नहीं.
तेरी यादों का हर पन्ना मैंने जला दिया मेरी किताब में तेरी मोहब्बत का कोई किस्सा नहीं.


कुछ बातें भूल जाता हूँ मैं, कुछ ज़हन में रह जाती है.
वक़्त नहीं रुकता है लेकिन लम्हे ठहर सी जाती है.
तन्हाई में बैठता हूँ तो हर कहानी मुझे याद आती है,मत करना कभी इश्क़ की तौहीन ये शोहरत ये दौलत सब यही रह जाती है.


पैगाम ना मिला तेरा कोई ये चाँद मयस्सर होने तक राह देखती रही ये आंखे ग़फ़लत में फिर फजर होने तक.
खुदा का शुक्र है ये सांस चलती रही,
रूह ने साथ नहीं छोड़ा सब्र होने तक.

शुक्रिया.
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