New Shayari by Sohrab Mirza


टूटे फूटे तराने लिखने बंद कर दिए,मोहब्बत के अफ़साने लिखने बंद कर दिए.
और जिसे देख कर सुकून मिलता था दोस्तों अब उनसे नजर मिलाने बंद कर दिए.

हर बातें अल्फाजो से बयां हो जाती तो ख़ामोशी की जरूरत ना होती.
अगर इन आँखों में आंसू का कोई कतरा  ना होता तो ये आखें इतनी खूबसूरत ना होती.
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