अमेठी में महामुकाबला, राहुल गांधी के खिलाफ फिरसे मैदान में स्मृति ईरानी

एक बार फिरसे,चुनावी मैदान में राहुल गांधी और स्मृति ईरानी आमने-सामने होंगे. पिछली बार स्मृति ईरानी को हार का सामना करना पड़ा था,मगर एकबार फिरसे स्मृति ईरानी पूरी तैयारी के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगी.
राहुल गांधी ने बुधवार को ही अमेठी से नामांकन भर दिया,जबकि स्मृति ईरानी 11 अप्रैल को अपना नामांकन भरेंगी. इस दरमियान भाजपा के कई प्रमुख नेता भी होंगे शामिल,जिसके मध्य नजर अमेठी में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए है. उत्तर प्रदेश के मुख्यंत्री योगी आदित्य नाथ भी हो सकते है स्मृति ईरानी के साथ.

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इससे पहले बुधवार को स्मृति ईरानी ने अमेठी में,व्यापारियों को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. कहा कांग्रेस पार्टी देश को तोड़ने वाली विचारधारा है,इसे समर्थन ना करे. राहुल गांधी अमेठी से चुनाव जितने के बाद,कभी अमेठी जनता का हल पूछने नहीं आये,मगर मै हारने के बाद भी आप लोगो का फिर्क करती हूँ.

पिछले पाँच सालो में,जबसे राहुल गांधी सक्रिय राजनीति में आये है,उनकी लोकप्रियता में तेजी से इज़ाफ़ा हुआ है. ऐसे में स्मृति ईरानी जो पिछले लोकसभा चुनाव में,मात खा चुकी है,क्या इस बार मुकाबला बराबरी का होगा. पिछलीबार मोदी लहर के बाबजूद स्मृति ईरानी को हार का सामना करना पड़ा था. इसलिए एकबार फिरसे स्मृति ईरानी को राहुल गांधी के खिलाफ उतारना ठीक है? या भाजपा के किसी कद्दावर नेता को राहुल गांधी के खिलाफ उतारना चाहिए था. इस बारे में आपका क्या ख्याल है.

6 मई को अमेठी में चुनाव होना है. कोंग्रस पार्टी व राहुल गांधी के लिए अमेठी महत्वपूर्ण सीट है,ऐसे में ये महामुकाबला काफी दिलचस्प हो सकता है. एक तरफ कांग्रेस के लिए साख की लड़ाई है,दूसरी तरफ स्मृति ईरानी के लिए कठिन परीक्षा. स्मृति ईरानी की पूरी कोशिश होगी,राहुल गांधी को पटकनी लगा कर अपने पिछले हार का बदला लिया जाये. स्मृति ईरानी को हल्के में लेना भी भूल हो सकती है. अगर कांग्रेस को अपनी लोकप्रियता बनाये रखनी है तो कांग्रेस को हर हाल में अमेठी से चुनाव जितना होगा.
राहुल गांधी ने वायनाड से भी अपना नामांकन भरा है,मगर अमेठी रीढ़ की हड्डी है,कांग्रेस के लिए. स्मृति ईरानी अगर कांग्रेस के गढ़ में राहुल गांधी को मात देती है,तो इसका असर सीधे कांग्रेस की साख पर पड़ेगी,और भाजपा समेत स्मृति ईरानी को इसका फायदा मिलेगा. जो भी हो ज्यादा दिन बाकी नहीं है,चुनाव के बाद ही जनता का फैसला ये तय करेगी अमेठी में किसका दबदबा है. मगर आप अपनी राय कमेंट कर के जरूर सांझा करे,साथ ही हमे फॉलो करना नही भूले.
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