चंद्रशेखर आज़ाद वो नाम है जो चर्चे में है आजकल!आपको बता दे चंद्रशेखर आज़ाद भीम दल का सचिव अधिकारी है!अब सोच रहे होंगे भीम दाल क्या है!भीम दल एक संगठन है जिसका अनुचालन चंद्रशेखर आज़ाद करता है!चंद्रशेकर बताते है के उनका दल लोगो से चंदा लेता है और लोक कल्याण का काम करता है!भील दल गरीबो बच्चो के लिए कोचिंग चलाता है व गरीब लोगो के लिए स्वस्थ चिकित्सा आदि उपलध कराता है!मतलब भील दल समाज कल्याण का काम करता है!
ये तो हो गया परिचय मगर आजकल चर्चे में है भीम दल के मुखिया चंद्रशेखर आज़ाद!बुदवार को उत्तर प्रदेश से अपने साथ ले कर निकले थे एक बड़ी बाइक रैली मगर अचार संहिता का उलंघन का हवाला देते हुए उनकी रैली को बाधित कर दिया गया!जिसके बाद उनकी तबियत बिगड़ी उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया!
ये खबर बड़ी खबर तव बन गई जब गुजरात से लौटी प्रियंका गाँधी फौरन उनसे मिलने चली गई!सूत्रों की माने तो ये मुलाकात आधे घंटे की चली!इसके तुरंत बाद चंद्रशेखर आज़ाद ने मिडिया से भी बात की इस दरमियान शेकर ने बताया की ये मुलाकात महज पांच मिनट की थी और प्रियंका गाँधी ने केवल हल-चाल पूछा किसी राजनितिक विषय पर बात नहीं हुई!
मगर ये बात खटक रही किसी राजनितिक विषय पर बात नहीं हुई!चंद्रशेखर खुदको बहुजन समाज का नुमाइंदा मानते है!चंद्र शेखर ने कहा मै चुनाव में नहीं आना चाहता मगर मोदी जी अगर वाराणसी से लड़ेंगे तो मै उनके खिलाफ खड़ा हूँगा!जो चंद्रशेखर चुनाव लड़ने से मना कर रहा था अचानक उनके इरादे क्यों बदल गए!अब चंद्र शेखर चुनाव लड़ना चाहते है वो भी मोदी जी के खिलाफ इसके लिए वो मायावती को समर्थन देने के लिए भी तैयार है!
वैसे तो वो बहुजन समाज का राग अलाप रहे थे मगर वक्त का कुछ पता नहीं भीम दल और चंद्रशेकर आज़ाद की उत्तर प्रदेश में अच्छी पकड़ है!कांग्रेस ने अगर किसी तरह अपने समर्थन में ले लिया तो मोदी के लिए हो सकती है मुश्किलें खड़ी!क्यूंकि प्रियंका गाँधी के मुलाकात में छुपा है चंद्रशेखर के चुनाव लड़ने का राज!ये मुलाकात कितना वास्तविक है या कितना राजनितिक कहना मुश्किल है!इस मुलाकत के बाद जहा भीम दल को और साहस मिला है वही विपक्षी में इस मुलाकात से मच गई है हलचल!ये बात तो तय है चंद्रशेखर चुनाव लड़ेंगे और नरेंद्र मोदी जी के खिलाफ लड़ेंगे मगर ये देखना दिलचव होगा के किसके सहारे लड़ेंगे क्यूंकि अकेले अपने बुते उनका मोदी जी से कोई खास मुकाबला नहीं हो सकता है!वे अकेले केवल वोट काटने की राजनीती कर सकतें हैं!
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