आखिर क्यों 2019 लोक सभा चुनाव में युवाओ का किरदार महत्वपूर्ण है!
इस वक्त देश की जनता दो भागो में बट चूका है!एक भाग ऐसा है जो बहुत कम पढ़ा लिखा है और परम्परागत विचारधारा रखता है!ये लोग मुख्या रूप से टीवी चैनल अख़बार और अपने सामने वाले पर निर्भर करते है!मतलव भीड़ तंत्र,इनकी शिक्षा दिक्षा व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी और अंध विश्वाशों पर आधारित होती है!इन्हे सच्चाई से कोई मतलब नहीं होता!ये जिस दसा में है उसी में रहना पसंद करते है!ये लोग उन तत्थ्यो पर भरोसा करते है जो उन्हें दीखता है या दिखया जाता है!सच्चा से इनका दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है!ये तो हो गई पहले तवके की बात!
अब बारी आती है दूसरे तवके की बात तो ये तवका वो तवका है जिसके आधार पर लिखा जायेगा 2019 चुनाव का पूरा महाभारत!जी हाँ ये तवका है पढ़े लिखे जागरूक युवाओ का,और ये युवा ही करेगा देश की तकदीर का फैसला!तभी तो सब की पारखी नजर इन पढ़े लिखे युवाओ पर मंडरा रही है!इसलिए अगर आज खुदकी जिम्मेदारी को नहीं समझे तो कल सरकार को नहीं खुद को कोसना!क्यूंकि आज आपको बेहतर चुनने का विकल्प मिला है!कुछ लोग पहलीबार वोट दे रहे युवा को फुसलाना चाहते है!मगर मेरी नजर केवल पढ़े-लिखे युवाओ पर है, जिन्हे वोट देते हुए इन मुद्दों का ध्यान रखना चाहिए! नाकि जो व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में चलाये जाते है या आजकल बिकाऊ मीडिया में दिखाया जाता है!
एक वोट की कीमत सिर्फ एक बोतल दारू या 300 रूपये नहीं है!आज मैं आपको बताना चाहता हूँ एक वोटर की वास्तव में क्या अहमियत है!जब आप अपने नेता को चुनने जाते है तव आपका औधा एक न्यायधीश का होता है!एक न्यायधीश का काम होता है न्याय करना!अगर आप अपने न्याय में पक्षपात करेंगे या उचित न्याय नहीं करेंगे तो इसका ख़मयाज़ा आपको ही नहीं आपके आने वाले पूरी पीढ़ी को उठानी पड़ेगी!मैं यहां किसी पार्टी पर हमला नहीं करने वाला!आप स्वयं बिते पांच साल का लेखा-जोखा करे और आने वाले कल की कल्पना करे!मगर कुछ बातो को मैं यहां पर जरूर शामिल करूंगा जो हमारे व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी और मिडिया चैनल हमे समझने की कोशिश में लगा है!
सबसे पहले आज़ादी की उन धरोहर और देश के इतिहास को बदनाम करने की शाजिश!वीटो पावर नेहरू जी ने चीन दान को दिया था या नहीं ये बात आपको क्या ये व्हाट्सएप और न्यूज़ चैनल वाले बताएँगे!क्या आप पढ़े लिखे नहीं है!आपको खुद इस पर सही किताबे पढ़ कर अपनी राय बनानी पड़ेगी!क्यूंकि व्हाट्सएप्प और ये मीडया भी भीड़ तंत्र का हिस्सा है!
अब आते है पुलवामा हमले पर!पुलवामा हमला एक आतंकवादी हमला था!किसी धर्म या समुदाय को निशाना बनाना ठीक नहीं है!याद रखिये इस देश की आज़ादी में सबका योगदान है!किसी एक का नहीं!भारतीय फौज में मुसलमान भी लोहा लेने जाता है! इसलिए हिन्दू मुस्लिम के आधार पर हमारे देश के एकता और अखण्ता को न बाटे! अब आते है सर्जिकल स्ट्राइक पर!भारतीय वायु सेना के तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक एक बेहद ठोस कदम रहा है,मगर इसका श्रेय किसी सरकार को नहीं जाता स्वयं वायु सेना को जाता है!इसलिए इसे सरकार की नहीं वायु सेना की सफलता कही जाये!इस बात पर चुनाव आयोग ने भी चिंता जताई,कहा पुलवामा हमले पर पर चुनावी राजनीती न हो!
अब GST पर आते है!GST विगत सारकार की योजना थी.जिसका स्वयं मौजूदा प्रधान मंत्री ने भी विरोध किया था!मगर उसी योजना को और अधिक पेचीदा बना कर इस सरकार ने ला दिया!इसलिए इसका श्रेय भी हम सीधे तोर पर इस सरकार को नहीं दे सकते!
अब आती है बारी नोट बंदी की!नोट बंदी के बारे में मैं ज्यादा कुछ कहूंगा नहीं!आप सब जानते है जितना पैसा देश में घूम रहा था वो सब सरकार के पास वापस चला गया बदलने के लिए,सिर्फ 07% को छोड़ के!तो क्या सिर्फ 07% काला धन निकालने के लिए सरकार ने देश का 13 हजार करोड़ रूपये खर्च कर दिए!यही नहीं आम जनजीवन को भी प्रभावित किया गया!कई जाने गई और सरकारी संसद 300 करोड़ की शादिया कर रहे थे अपने बेटियों की दो-दो हजार के नोट से!
अब बात आती है धर्म की!ऐसे नेता से खास तोर पर परहेज करे जो धर्म के आधार पर वोट मांगता है!हमारा देश धर्म निरपेक्ष देश है, यहां कई धर्म के लोग रहते है!सरकार का काम सभी धर्म के लोग का विकास करना है नाकि किसी एक धर्म का!इसलिए धर्म को राजनीती से न जोड़े!धर्म और राजनीती दोनों अलग-अलग चीज है!रही बात राम मंदिर की तो ये मामला उच्तम न्यायालय में है!उच्तम न्यायालय देश का सर्वोच्या संस्था है,हमे इस पर भरोसा रखना चाहिए नाकि झूठे नेताओ पर,जिसके हाथ में कुछ है ही नहीं!धर्म गुरु से कहो अच्छे से धर्म का संचालन करे.लोगो में करुणा और प्रेम भरे! राजनीती गुरु से कहो अच्छे से देश चलाये,देश का विकास करे,हमारे संस्कृति की रक्षा करे यही काफी है हमारे लिए!
अगर मैं महिलाओ की बात करू तो महिलाओ के लिए मेरा संदेश!महिलाये आत्मनिर्भर हो कर वोट दे!किसी के दबाब या किसी के कहने पर अपने नेता का चुनाव ना करे!खास तोर पर पढ़ी-लिखी महिलाये अपने शक्ति को जरूर पहचाने!अब वो ज़माना नहीं रहा जब महिलाओ का वोट किसको मिले ये घर के मर्द तय करते थे!अब आप शिक्षित और आत्म निर्भर बन चुके है!हर महकमे में आप बराबरी का दर्जा ढूंढते हो,इसलिए आपको अपने बेहतर नेता को चुनने का पूरा अधिकार है!अतः दबाब से मुक्त हो कर इस चुनाव में बराबर का भागीदार बने!
दोस्तों चुनाव का सही अर्थ भी समझना बहुत जरूरी है!आजकल चुनाव,चुनाव कम व्यापार ज्यादा बन गया है!बिलकुल सही सूना अपने व्यापर!आज लोग अपने वर्षो की कमाई जमा पूंजी भी दाव पर लगाने के लिए तैयार है,सिर्फ एक टिकट के लिए!ढेड़-ढेड़ सौ करोड़ रूपये में सांसद बिकता है!बताइये क्या काम करेगा आपके लिए!पहले वो अपने लगाए हुए पैसे निकालेगा या आपका का भला करेगा!आजकल तो बड़े-बड़े निवेशक है,जो सरकार को चंदा देता है,पहले लगाने के लिए फिर सूद समेत वसूल लेता है!आपको क्या लगता है बहुराष्ट्या कम्पनियो के ये पैसे मुफ्त के है क्या!करोड़ो का चंदा भाई चारे में नहीं बटते है युवाओ!इन चंदो का एक-एक पाई-पाई का हिसाब जनता के जेब काट कर दिया जाता है!इसलिए खरीद फ्रोक करने वाले सांसद और अधिक धन व्य करने वाले नेता व पार्टी से दुरी बनाये रखे!यही आपके और आपके देश के हित में है!
अगर मैं महिलाओ की बात करू तो महिलाओ के लिए मेरा संदेश!महिलाये आत्मनिर्भर हो कर वोट दे!किसी के दबाब या किसी के कहने पर अपने नेता का चुनाव ना करे!खास तोर पर पढ़ी-लिखी महिलाये अपने शक्ति को जरूर पहचाने!अब वो ज़माना नहीं रहा जब महिलाओ का वोट किसको मिले ये घर के मर्द तय करते थे!अब आप शिक्षित और आत्म निर्भर बन चुके है!हर महकमे में आप बराबरी का दर्जा ढूंढते हो,इसलिए आपको अपने बेहतर नेता को चुनने का पूरा अधिकार है!अतः दबाब से मुक्त हो कर इस चुनाव में बराबर का भागीदार बने!
दोस्तों चुनाव का सही अर्थ भी समझना बहुत जरूरी है!आजकल चुनाव,चुनाव कम व्यापार ज्यादा बन गया है!बिलकुल सही सूना अपने व्यापर!आज लोग अपने वर्षो की कमाई जमा पूंजी भी दाव पर लगाने के लिए तैयार है,सिर्फ एक टिकट के लिए!ढेड़-ढेड़ सौ करोड़ रूपये में सांसद बिकता है!बताइये क्या काम करेगा आपके लिए!पहले वो अपने लगाए हुए पैसे निकालेगा या आपका का भला करेगा!आजकल तो बड़े-बड़े निवेशक है,जो सरकार को चंदा देता है,पहले लगाने के लिए फिर सूद समेत वसूल लेता है!आपको क्या लगता है बहुराष्ट्या कम्पनियो के ये पैसे मुफ्त के है क्या!करोड़ो का चंदा भाई चारे में नहीं बटते है युवाओ!इन चंदो का एक-एक पाई-पाई का हिसाब जनता के जेब काट कर दिया जाता है!इसलिए खरीद फ्रोक करने वाले सांसद और अधिक धन व्य करने वाले नेता व पार्टी से दुरी बनाये रखे!यही आपके और आपके देश के हित में है!
इससे ज्यादा कहने के लिए कुछ बचा नहीं!मगर बेरोजगारी भी एक अहम मुद्दा है!इसलिए युवाओ को विशेष रूप से इन सभी बातो का ख्याल रखना चाहिए!जैसा के मैं पहले ही बता चूका हूँ पढ़े-लिखे युवओ की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी इस आम चुनाव में!क्यूंकि बाकि लोग वोट नहीं डालेंगे केवल एक औपचारिक प्रकिर्या का पालन करेंगे!असली वोटर आप पढ़े लिखे युवा है जो देश के तकदीर का फैसला करेगा!मेरा ये लेख देशहित में है,ना मैं किसी पार्टी का मर्थन करता हूँ नहीं किसी के खिलाफ हूँ!आप अपने देश के शीर्ष नेता को चुनले के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करे!अगर मेरे विचार आपको अच्छे लगे हो तो इसे आगे शेयर करना न भूले!
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