अक्सर टीनऐजर या फिर किशोरा अवस्था के शुरुआत होते ही,अपने से विपरीत लिंगो से प्रभावित होने लगते है बालक और बालिकाएं. चौदह वर्ष से लेकर सोलह वर्ष के आयु में बालक व बालिकाएं सबसे ज्यादा आकर्षित होते है एक-दूसरे से. मौजूदा सस्कृति के हिसाब से लगभग चौदह वर्ष के बालको में एकदूसरे से मित्रता आम बात है.
व्यस्क बालक व बालिकाएं खुल कर अपने मित्रता का इजहार करते ही. जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते है,माता-पिता से दुरी बनती जाती है,इसलिए अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए अपने से विपरीत लिंगो से दोस्ती आम बात है. आपने अकेलेपन को कम करने के लिए ढूंढ़ते है अपने जैसा एक दोस्त,जो उसका अकेलापन दूर कर सके. इसलिए लोग व्यस्क आयु में एक दूसरे की तरफ ज्यादा आकर्षित होते है.
मगर क्या आप जानते है ? कुछ लोगो में गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड ना होना भी तनाव का एक वजह है. जी हाँ कुछ ऐसे लोग जो अपने जीवन में अकेले रह जाते है. ये लोग अक्सर किसी का प्यार ढूढंते रहते है,मगर किसी का प्यार न मिलने पर हो जाते है तनाव ग्रस्त. धीरे-धीरे अकेले रहने लगते लोगो से हट के,अपनी अलग दुनिया में. ये लोगो को दिखाने की कोशिश करते है,मैं अकेले खुश हूँ. पर वास्तविकता कुछ और होती है. ऐसे लोग उदासीन और तनाव का शिकार हो जाते है.
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अगर आपके जीवन में कोई गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड नहीं है तो घबराइए मत,आप इसके बिना भी खुश रह सकते है. सबसे अच्छा तरीका यही है आप अपने काम में अधिक व्यस्त हो जाइये,जिससे आपको किसी की कमी ना महसूस हो. अपने जीवन में गोल के पीछे भागे,ताकि बाकी सब आपके लिए गैर महत्व बन जाये. पूरी नींद ले,खाना वक्त पर खाये,सुबह जल्दी उठके एक्सरसाइज करे. अपने पर अधिक ध्यान दे. अगर आपके जीवन में कोई सुख-बाटने वाला नहीं है तो कोई बात नहीं,आप खुद अपने जीवन में अपना सहरा बने. सबसे पहले अगर आप तनाव से मुक्त होना चाहते है तो इन चीजों के पीछे बिलकुल ना भागे. अपने जीवन में स्थरता लाये,तभी आप तनाव मुक्त जीवन जी पाएंगे. ये सभी दुनिया के मोह है. ये कुछ वक्त के लिए आपको आकर्षित कर सकता है,मगर जीवन का वास्तविक अर्थ समझने पर आप खुद इसके पीछे भागना बंद कर देंगे.
अगर आपके जीवन में कोई अच्छा साथी है,जो आपके दुख-दर्द को समझता है तो अच्छी बात है,अन्यथा आप अपने सपनो को अपने जीवन का सबसे अच्छा साथी बनाइये. आपका तनाव भी कम होगा,आपको कामयाबी भी मिलेगी.
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