होलिका दहन हो गई!सभी को होली की बहुत-बहुत शुभकामनाये!
होली बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतिक है!आज समाज हमारा कुछ ऐसे ही दौर से गुजर रहा है!जरूरत है बुराइयों से लड़ने की!इसकेलिए आप जागरूक जनता बने तभी बुराइयों पर अच्छाइयों की जीत होगी!इस धारणा को बनाये रखे और अपने समाज में सदैव बुराई से लड़ने के लिए तत्पर रहे!
बचपन में होली पर होली के निबंध और ईद पर ईद के निबंध तो खूब याद किये होंगे,स्कूल में!आज फिरसे उन यादो को ताज़ा करने की कोशिश करिये!आपको धीरे-धीरे याद आएगी होली का क्या महत्व है!किसी भी तत्थ्य को समझने के लिए उसके इतिहास की जानकारी होना बेहद जरूरी है!चलिए आपकी यादो से धूल हटाते हुए हम ही आपको बता देते है,होली क्यों मनाई जाती है!ये कहानी है एक राक्षस राजा हिरण्यकश्यप की! हिरण्यकश्यप ने घोर तपस्या के सहारे ब्रह्मा से कभी न मरने का ऐसा वरदान ले लिया जिसके बाद उसके अंदर का डर खत्म हो गया!इस वरदान को प्राप्त करते ही वो एक दमनकारी राजा बन गया!उसने लोगो पर अत्याचार करना शुरू कर दिया!हिरण्यकश्यप स्वयं को भगवान मान बैठा और अपने प्रजा से अपनी पूजा करवाने लगा!जो उसकी पूजा करने से इंकार करते उसे मौत की सजा दी जाती थी!मगर हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद जोकि ब्रह्मा का भक्त निकला उसने हिरण्यकश्यप की पूजा करने से इंकार कर दिया!इस बात से परेशान हो कर हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को मारने का फैसला किया!उसने अनेक तरीको से प्रहलाद को मारने की कोशिश की मगर हर बार प्रहलाद जिन्दा बच जाता!अंत में उसकी बहन होलिका ने कहा मुझे आग में ना जलने का वरदान हासिल है,मैं प्रहलाद को गोद में ले कर आग में बैठ जाती हूँ!
इस बार ऐसा ही किया गया मगर प्रहलाद इस बार भी नहीं मरा!इसके विपरीत होलिका स्वयं उस आग में जल कर समाप्त हो गई!और इसके बाद खुद ब्रह्मा ने हिरण्यकश्यप का वध करके लोगो को आज़ाद किया!तभी से हिन्दू समुदाय के लोग होलिका जला कर रंगो के साथ खुशिया मनाते है!
ये तो हो गई होली की बात!इस बार ऐसा ही किया गया मगर प्रहलाद इस बार भी नहीं मरा!इसके विपरीत होलिका स्वयं उस आग में जल कर समाप्त हो गई!और इसके बाद खुद ब्रह्मा ने हिरण्यकश्यप का वध करके लोगो को आज़ाद किया!तभी से हिन्दू समुदाय के लोग होलिका जला कर रंगो के साथ खुशिया मनाते है!
आज पुरे विश्व में भारत अपने अनेकता में एकता के लिए जाना जाता है!ये त्यौहार ही है जो हमे एक सूत्र में पिरोने का काम करता है!चाहे होली हो,ईद हो या दिवाली सभी त्यौहार यहा मिल-झूल कर मनाने की परम्परा रही है!इसलिए मौका है फिरसे एक बार हमे आपस में बाटने वालो को सन्देश देने का!इस भारत माँ के सुपुत्र है दो हिन्दू और मुस्लिम!दोने ने साथ-साथ मिल कर आज़ादी की लड़ाई लड़ी!दोनों साथ-साथ मिलकर सिमा पर दुश्मनो से मुकाबला करता है!दोनों साथ-साथ एक दूसरे की तकलीफ और खुशियाँ बांटता है!दोनों साथ-साथ मिल कर ईद और होली मनाता है!कौन कहता है हिन्दू और मुस्लिम अलग है!दोस्तों इस बुराई से आपको लड़ना पड़ेगा!ये दुश्मन है,आपके समाज का!जिस तरह से होलिका का दहन किया गया था उसी तरह से आज अपने समाज से इस बुराई का दहन कर दे!तभी जा के इस बुराई का अंत होगा और बुराई पर अच्छाई की जीत होगी!
मिल बाँट के मनाएंगे आज फिर तेरे संग!
मेरी ईद की मिठाई तेरे होली वाले रंग!
HAPPY HOLI WITH GREAT MASSAGE
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