पर्दे के पीछे क्या होता है,पत्रकार रवीश कुमार ने बताई हैरान कर देने वाली बाते

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मौका था ENBA अवार्ड का!NDTV इंडिया को मिला 2018 का सबसे श्रेष्ट न्यूज़ चैनल का अवार्ड!यह अवार्ड NDTV इंडिया को बेहतरीन पत्रकारिता और उत्कृष्ट परफॉरमेंस के लिए दिया गया!आपको बता दे हर वर्ष यह अवार्ड पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए ENBA द्वारा दी जाती है!

मौका भी था दस्तूर भी था NDTV के वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार ने अवार्ड लेने के बाद वहा मोहजूद सभी पत्रकारों पर कड़े व्यंगे किये!रविश कुमार ने कहा बहुत से पुरुष्कार मिला है जीवन में,पर जब कभी भी पुरुष्कार लेने की बारी आती है तो मेरे हाथ कापते है!डर लगता है इस पुरुष्कार के काबिल भी हूँ या नहीं!

आगे रवीश कुमार ने कहा मुझे नजरे मिला कर बात करने की आदत है,पर उस तरफ देखता हु तो सिर्फ अँधेरा नजर अता है!पुरुष्कार पाने के लिए सिर्फ अच्छी चीजे ही भेजी जाती है जज साहेबान के पास!जो चीजे अच्छी नहीं होती वो नहीं भेजा जाता है!ताली पाना बहुत आसान होता है!पर लोगो के सम्बेदनाओ से जो लोग खेलते है,सिर्फ TRP पाने के लिए वो लोग अपने गिरिवान में झाक कर देखे!पिछले कुछ समय से लोगो को असभ्य पत्रकारिता द्वार उन्माद फ़ैलाने की कोशिश की जा रही है!रविश कुमार ने कहा मै मज़ा ख़राब नहीं करना चाहता पर आप चैनल वालो ने सचमुच हिंदुस्तान का मज़ा ख़राब कर दिया है!सभी चैनल आजकल भीड़तंत्रा बन रहे है और बेहद असभ्य भाषा का प्रयोग करते है!

अंत में रविश कुमार ने खड़ा कर दिया भारतीय पत्रकारों पर बहुत बाद सबाल रविश कुमार ने कहा आज टीवी का पर्दा बेहद विपरीत परिस्थियो से गुजर रहा है!इनाम के लिए भेजे गए रिपोर्ट के आलावा उस पर्दे के पीछे भी बहुत कुछ किया जाता है,जिसे खुद हम भी अकेले में उसे नहीं देख सकते!

ये सबाल बहुत गहरा है!ऐसा क्या करते है भारतीय पत्रकार पर्दे के पीछे!भारतीय पत्रकारिता पर एक बहुत बड़ा सबाल खड़ा करता है!
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